थांदला- संत मलूकदास भक्ति के परिचायक है जिन्होंने अपने भक्ति व संतत्व से साहित्य में अद्भुत स्थान पाया है l वे भक्ति के श्रेष्ठ उदाहरण है l आज भी उनके लिखे दोहे सबके के लिए प्रासंगिक है l जिनमें उनके द्वारा की गई ईश्वर की भक्ति का उल्लेख मिलता है l देश के कोने कोने में उनके द्वारा देवस्थान स्थापित किए गए l उक्त उदगार आदि शंकराचार्य जयंती पर अपने अल्प प्रवास पर पधारे अंतर्राष्ट्रीय कथा वाचक बाल योगी विष्णु खत्री द्वारा स्थानीय हनुमान अष्ट मंदिर बावड़ी पर प्रकट किए एवं आदि शंकराचार्य जी का स्मरण करते हुए शंकर स्वरूप को नमन किया l
खत्री एकता समाचार पत्र के प्रधान संपादक राजेश खत्री विशेष रूप से भक्त मलूकदास की धरोहर के दर्शन के लिए उपस्थित थे l
इस अवसर पर महंत नारायण दास जी महाराज,न्यास अध्यक्ष अशोक अरोरा,भूषण भट्ट, दिलीप डामोर, विष्णु सोनी ,श्रीमंत अरोरा, हिमांशु अरोरा, धवल अरोरा द्वारा मंदिर पर स्थित मलूकदास जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गयाl
तत्पश्चात संत मलूकदास जी की धरोहर स्थानिय नरसिंह ऋषभदेव मंदिर, बड़े रामजी मंदिर,नर नारायण मंदिर दर्शन करे l इस दौरान नरसिंह भक्त मंडल के अशोक अरोरा द्वारा विस्तृत जानकारी दी गई l साथ ही गुरुद्वारा एवं सिद्धपीठ पीपलखुटा हनुमंत आश्रम पहुंचकर भी दर्शन कर महंत दयारामदास जी महाराज का आशीर्वाद प्राप्त किया l
महंत दयारामदास जी द्वारा आश्रम के निर्माण कार्य से अवगत करवाया तथा अंग वस्त्र ओढ़ाकर स्वागत किया l












